Page 42 - INSIGHT 2021
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फ़ौजी                                                  और पडी ़रूरत तो फफरस वीरगनत को ्राप्त होकर िहीद म  ैं               ज़न्दगी: एक सफर
                                                                                    े
                                                                     ं
                                                               कहलाऊगा।
                                                                              ं
                                                               फफरस जन् यहीं लगा स़ौगध यही म खाता ह,
                                                                    े
                                                                              ू
                                                                                                 ं
                                                                                           ैं
                                                                                    ं
                                                                                                       ं
                                                                                           े
                                                               भारत मां की रक्षा की खानतर फफर स फ़ौजी बन जाऊगा,
                                                                                                                                                                  ै
                                                                                                                                    ं
                                                                                                                                                             े
                                                                                                                                                    ु
        अरुि गगवार                                             फफर दुश्मन की ईंट स ईंट बजान इस धरती पर म आऊगा,                     मज़ल दूर सही, हकन् अब ददखन लगी ह।
              ं
                                                                                        े
                                                                                े
                                                                                                         ं
                                                                                                     ैं
                                                                                                                                           े
                                                                                                                                                               े
                                                                                                                                                            े
                                                                                                                                                                 ैं
                                                                                                                                                    ु
        बी.एससी. फफ़ीकल साइस (रसायन िास्त्)                    वीर था वीर म कहलाऊगा।                                               कदम िोट सही, हकन् अब बढ़न लग ह।
                            ं
                                                                          ैं
                                                                                 ं
                                                                                                                                    ै
                                                                                                                                                                           ै
                                                                                                                                                                      े
        हवितीय वर ्न                                           दि की रक्षा की खानतर ससकों का कोई मोल नहीं,                         म वो मुसाफफर नहीं, जो लक्ष् की दूररयों को दखता ह।
                                                                 े
                                                                                                                                               ं
                                                                                                                                    ै
                                                                                                                                                                                         ै
                                                                                                                                                                                    े
                                                                                                                                                                           ें
                                                                                   े
                                                                      े
                                                                                             े
                                                               जो तोल रक्षा को ससकों स तो वो इस दि का नहीं।                        म वो मतवाला ह, जो ज़न्दगी को सफर और सफर म ज़न्दगी दखता ह।
        पित ह कई मनम़ौजी,                                      बस करता ह इबादत तझस ऐ मर म़ौला,
         ू
            े
              ैं
                                                                                        े
                                                                                    े
                                                                         ं
                                                                                 ु
                                                                                         े
                                                                                                                                        े
                                                                                                                                              े
                                                                                                                                                        ै
                    ें
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                            ं
                        े
        क्ा ममला तम् करक य िद ससकों की ऩौकरी ए फ़ौजी।         जजस नक काम क चलए तन इस बद को िुना,                                  सफर क अंत स फफर मोह कसा ?
                                                                                         ं
                                                                                    े
                                                                     े
                                                                            े
                                                                                   ू
                                                                                          े
                                                                                                                                        े
                                                                                                                                          ं
                                                                                                                                                       ै
                                                                                                                                              े
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                        ं
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        नतरग म चलपटा आऊगा,                                     ना डगमगाए उसक कदम अपनी जान भी कबान करन को।                          सफर क पथ स फफर द्ोह कसा ?
           ं
                                                                                                         े
                                                                                                 ु
                                                                             े
                                                                                                   ्न
                                                                                                                                                                 े
                                                                                                                                                                     ै
                                                                                                                                                                   ें
                     ं
               ैं
        िहीद म कहलाऊगा,                                                                                                            सफर पाना नहीं, सफर मीलों तक िलन म ह।
                                                                                                                                                 ै
                                                                                                                                                                    े
                                                                                                                                                                      ें
                                                                                                                                                                        ै
                                                                                                                                                            ं
                   े
                        ैं
                               ं
        वीर था फफरस वीर म कहलाऊगा,                                                                                                 "नवजय अब पास ह" कहना, स्य को िलन म ह ।
                                     ं
        फफर दुश्मन को िर की भांनत ललकारूगा,
                      े
                                                                                                                                                         ू
                                                                                                                                                      े
                                                                                                                                                         ं
                                                                                                                                                  ं
                                                                                                                                           ें
                                                                                                                                             ैं
                                                                                                                                   ज़न्दगी म, म भी यू आग बढगा !
                                                                                                                                                    ै
                                                                                                                                                            ं
                                                                                                                                                            ू
                                                                                                                                                        े
                                                                                                                                                  ु
                                                                                                                                   नवरम हो राह, हकन् म भाग िलगा।
                                                                                                                                   थका हो ्राि हकन् फफर भी म िलता रहगा।
                                                                                                                                                                  ं
                                                                                                                                                 ु
                                                                                                                                                          ै
                                                                                                                                                                 ं
                                                                                                                                                  ैं
                                                                                                                                        े
                                                                                                                                   सफर क अंत तक म स्य को िलता रहगा।
                                                                                                                                                      ं
                                                                                                                                                                 ँ
                                                                                                                                                      ं
                                                                                                                                   सफर क अंत तक म स्य को िलता रहगा।
                                                                                                                                                  ैं
                                                                                                                                        े
                                                                                                                                   हहमांिु ससंह
                                                                                                                                   बी.एससी. (नविर) वनस्पनत नवज्ान
                                                                                                                                               े
                                                                                                                                    ृ
                                                                                                                                   ततीय वर ्न
                                                                                                                      36                                                                                                                        37
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